राष्ट्रीय सेवा योजना युवा स्वयंसेवकों में मानवीय संवेदना, श्रम की इच्छा, सहभागिता, सेवा भाव, स्वावलम्बन, स्वदेश प्रेम, सामाजिक समरसता एवं कर्तव्य बोध की भावना जागृत करने का एक सशक्त माध्यम है। आज आवश्यकता है कि युवा संवेदनशील बने, क्योंकि संवेदनशील होना एक स्वस्थ्य व्यक्तित्व का लक्षण है। राष्ट्रीय सेवा योजना का ध्येय वाक्य यह बताता है कि हम दूसरे व्यक्ति के दृष्टिकोण की सराहना करने वाले बनें तथा दूसरों को सम्मान व श्रेय देने वाले बनें।
- प्रो विनय कुमार पाठक (कुलपति)