*सरदार पटेल देश की एकता के सूत्रधार* जनता कॉलेज, बकेवर, इटावा में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के द्वारा देश के प्रथम उप प्रधानमंत्री एवं प्रथम गृह मंत्री, भारत रत्न स्व. सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के शुभ अवसर पर *"राष्ट्रीय एकता दिवस"* मनाया गया। कार्यक्रम के अध्यक्ष व कृषि संकाय के डीन डॉ अशोक कुमार पांडेय ने *सरदार वल्लभ भाई पटेल जी* के भारत को एक गणराज्य के रूप में स्थापित करने की दिशा में 562 छोटी-बड़ी रियासतों का भारतीय संघ में विलीनीकरण करके भारतीय एकता का निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान की चर्चा की। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता कॉलेज के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ एमपी यादव ने आज के इस विशेष कार्यक्रम में एकता के लिए संबोधित किया। उन्होंने *बारडोली सत्याग्रह* भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान वर्ष 1928 में गुजरात में हुए एक प्रमुख किसान आंदोलन का नेतृत्त्व सरदार पटेल ने किया। उस समय प्रांतीय सरकार ने किसानों के लगान में तीस प्रतिशत तक की वृद्धि कर दी थी । पटेल जी ने इस लगान वृद्धि का जमकर विरोध किया। इस आन्दोलन की सफलता के बाद वहाँ की महिलाओं ने वल्लभ भाई पटेल को *‘सरदार’* की उपाधि प्रदान की। सरदार पटेल को गांधी जी की अहिंसा नीति ने प्रभावित किया । उसके उपरांत कार्यक्रम में *"एकता की दौड़"(Run for Unity)* कार्यक्रम का आयोजन किया गया । कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ अशोक कुमार पांडेय ने स्वयंसेवकों को हरी झंडी दिखाकर एकता की दौड़ का शुभारंभ किया। एकता की दौड़ कार्यक्रम कालेज क्रीड़ा प्रांगण में छात्रों, छात्राओं एवं प्राध्यापकों की दौड़ कराई गई। कार्यक्रम के अंत में सभी अतिथियों, प्राध्यापकों एवं स्वयंसेवकों ने मानव श्रृंखला बनाकर *राष्ट्रीय एकता दिवस शपथ* लिया तथा भारत की एकता, अखंडता एवं आंतरिक सुरक्षा के प्रति जन जागरूकता के तहत एकता का संदेश दिया। राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी डॉ. मनोज यादव ने सभी अतिथियों का स्वागत एवं धन्यवाद ज्ञापित किया तथा उन्होंने कहा कि किसी भी देश का आधार उसकी एकता और अखंडता में निहित होता है और सरदार पटेल देश की एकता के सूत्रधार थे । राष्ट्र के प्रति उनके समर्पण को सदैव याद किया जायेगा। इस कार्यक्रम में कॉलेज के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ पी के राजपूत, डॉ डीएन सिंह, डॉ. एमपी सिंह, डॉ धर्मेंद्र कुमार, डॉ आदित्य कुमार, डॉ संजय विश्वकर्मा, डॉ संजीव कुमार, डॉ ज्योति भदौरिया, डॉ योगेश शुक्ला, डॉ प्रकाश दुबे, डॉ गोपीनाथ मौर्य डॉ सत्यार्थ मौर्य, अजीत अग्निहोत्री, मनोज दीक्षित, राजकुमार वर्मा एवं राष्ट्रीय सेवा योजना के 98 स्वयं सेवक एवं स्वयंसेविकाओं ने प्रतिभाग किया।
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