Seventh day of Special camp, NSS, Janta College, Bakewar, Etawah
बकेवर। जनता कॉलेज, बकेवर, इटावा में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के द्वारा आयोजित सात दिवसीय विशेष शिविर के सप्तम दिवस का शुभारंभ डॉ ललित गुप्ता व कार्यक्रम अधिकारी डॉ मनोज यादव के निर्देशन में योग एवं व्यायाम से कराया गया। प्रथम तकनीकी सत्र में समय प्रबंधन से सफलता प्राप्ति विषय पर डॉ गोपीनाथ मौर्य ने स्वयंसेवक एवं स्वयंसेविकाओं को जीवन में सफल होने के लिए उनका मार्गदर्शन करते हुए विभिन्न बिंदुओं को क्रमानुसार विस्तार से बताया सफलता प्राप्त करने के लिए सबसे पहले किसी भी व्यक्ति को अपने लक्ष्य का निर्धारण करना, लक्ष्य निर्धारण करने के क्रम में अनेक उपलक्ष्य का निर्धारण करके मुख्य लक्ष्य को प्राप्त किया जाता है लक्ष्य निर्धारित हो जाने के पश्चात योजनाओं का निर्माण कर लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु क्रियान्वयन पक्ष पर विषेश बल दिया जाता है क्रियान्वयन प्रक्रिया के पश्चात निर्धारित किये गये मानक लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए किए गए कार्यों से उसकी तुलना कर निर्धारित मानक से विचलन को ज्ञात करना और उसे विचलन को दूर करके हम लक्ष्य को प्राप्त करना शामिल हैं। जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए हमें दृढ़ प्रतिज्ञा होकर एक समय में एक ही विषय पर ध्यान केंद्रित करना होता है ताकि उसे विषय में दक्षता प्राप्त की जा सके। सफलता प्राप्त करने के लिए अपने समय का उचित प्रबंधन भी अत्यंत अनिवार्य है प्रत्येक सफल व्यक्ति के जीवन में उन्होंने अपने समय का सदुपयोग बहुत ही उचित ढंग से किया है तथा सफलता प्राप्त करने के लिए हमें भी अपने समय को आवश्यक और वांछनीय दो भागों में विभक्त कर समय का सदुपयोग करने से ही हम सफलता प्राप्त कर सकेंगे। सफलता प्राप्त करने के लिए हमारा स्वास्थ्य भी एक महत्वपूर्ण पक्ष है जो व्यक्ति जीवन में सफल होना चाहता है उसका स्वस्थ रहना अति आवश्यक है क्योंकि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निर्माण होता है जब तक व्यक्ति स्वस्थ नहीं रहेगा वह जीवन में सफल नहीं हो पाएगा और वह राष्ट्र अथवा समाज के हित में कार्य नहीं कर पाएगा। सफलता प्राप्त करने के लिए कई बार व्यक्ति असफल भी होता है लेकिन एक सफल व्यक्ति सकारात्मक तथ्यों को ढूंढ कर अपनी असफलता को सफलता में परिवर्तित कर देता है। क्योंकि असफलता यही सिद्ध करती है कि हमने सफलता प्राप्त करने का प्रयास पूरे मन से नहीं किया है। यदि कोई व्यक्ति उपरोक्त विभिन्न तथ्यों को अपने जीवन में अक्षर से उतार ले तो वह निश्चित तौर पर अपने जीवन में सफलता के उच्चतम शिखर को अनिवार्य रूप से प्राप्त कर लेगा और उसका भविष्य उज्जवल होगा। द्वितीय तकनीकी सत्र में विश्व वानिकी दिवस के उपलक्ष में पूर्व राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी डॉ पीके राजपूत ने वनों की उपयोगिता और उनका मानव मानव जीवन का अभिन्न अंग है बिना वृक्षों के मानव जीवन की कल्पना ही नहीं किया जा सकती क्योंकि मानव प्रारंभ से ही वनों पर आश्रित है अपने जीवन यापन आजीविका प्राप्त करने अपने घरों की साथ सजा हेतु क्षेत्र में खाद्यान्न प्राप्त करने उद्योगों के लिए कच्चे माल प्राप्त करने इत्यादि वनों के माध्यम से ही मानव को प्राप्त होते हैं। वृक्षों के संरक्षण के लिए राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनेकों आंदोलन चलाए गए जिनमें चिपको आंदोलन भारत में प्रमुख रूप से जाना जाता है जिसमें वृक्षों को काटने से बचने के लिए वहां के ग्रामीण व्यक्ति वृक्षों से चिपक जाते हैं और वृक्षों को काटने नहीं देते। स्वस्थ पर्यावरण हेतु धरती पर 33% वृक्षों का आच्छादन होना चाहिए वर्तमान समय में इसका प्रतिशत निरंतर बढ़ता जा रहा है जो यह गंभीर समस्या है और सरकारी प्रयासों और जन जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से अब इस पर जागरूकता लाई जा रही है और धीरे-धीरे इसको बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। डॉ धर्मेंद्र कुमार के ने पर्यावरण को सरल शब्दों में परिभाषित करते हुए स्वयंसेवकों को वृक्ष पौधे की उपयोगिताओं को बताया। द्वितीय सत्र के अध्यक्षता कर रहे डॉक्टर एमपी यादव ने शिविर की महत्व को बताते हुए कहा कि यहां जो सीखा है उसको जीवन में आत्मसात जरूर करना। शिविर के समापन सत्र में डॉ मनोज कुमार यादव ने सात दिवसीय विशेष शिविर की आख्या को प्रस्तुत किया। तथा स्वयंसेवक बृजेश पाल व स्वयंसेवक का कमल ने साथ दिवसों का अपने अनुभवों का साझा किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जनता कॉलेज बकेवर प्रबंधकारणी समिति के सचिव अरविंद कुमार मिश्र ने बताया कि स्वयंसेवक का दायित्व बहुत कठिन है समाज को नई दिशा प्रदान करने के लिए स्वयंसेवक सार्थक प्रयास करें तो समाज से बुराइयों व कुरीतियों को निश्चित तौर पर धीरे-धीरे कम करके समाप्त किया जा सकेगा। राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य 'स्वयं सजे वसुंधरा सवार दे' शीर्षक के अंतर्गत श्री मिश्र ने बताया कि आज के वर्तमान परिवेश में मानव बनाना ही सबसे कठिन है समाज से जातिवाद के भेदभाव को दूर करके मानवता के धर्म को स्थापित करना ही राष्ट्रीय सेवा योजना का मूल उद्देश्य है। कार्यक्रम में कॉलेज के प्राचार्य डॉ राजेश किशोर त्रिपाठी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए स्वयंसेवकों को राष्ट्रीय सेवा योजना के मूल लक्ष्य को समाज में पहुंचने का संकल्प दिलाते हुए समाज को जागरूक और शिक्षित करने का मूल मंत्र दिया। विश्वविद्यालय के कृषि संकाय अध्यक्ष डॉ अशोक कुमार पांडेय ने स्वयंसेवकों का मार्गदर्शन करते हुए उन्हें संसाधनों के अभाव में बेहतर परिणाम प्रस्तुत करने के लिए कार्यों का निष्पादन करने की कला को बताया। इसी क्रम में डॉ एम पी सिंह ने सात दिवसीय विशेष शिविर के महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की तथा नेतृत्व क्षमता तथा संगठन भावना के लिए अति आवश्यक होता है इसीलिए ऐसे शिविर की आवश्यकता पड़ती है । राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम के विशेष शिविर का समापन डॉ मनोज कुमार यादव कार्यक्रम अधिकारी के धन्यवाद ज्ञापन के द्वारा किया गया। इस मौके पर डॉ डीएन सिंह, डॉ इंदु बाला मिश्रा, डॉ आदित्य कुमार, डॉ संजीव कुमार, डॉ डीजे मिश्रा, डॉ प्रकाश दुबे, डॉ योगेश शुक्ला, डॉ सत्यार्थ प्रकाश मौर्य, राजकुमार वर्मा, आकाश चौधरी, मनोज दीक्षित, शैलेंद्र कुमार, मुकेश कुमार, तथा स्वयंसेवक अरुण कुमार, शिवम गौतम, अंशुल कुमार, तनुष्का, बर्षा आदि सहित 45 स्वयंसेवक उपस्थित रहे।