Fifth day of Special camp NSS, Janta, College, Bakewar, Etawah
बकेवर। जनता कॉलेज, बकेवर, इटावा में राष्ट्रीय सेवा योजना के द्वारा आयोजित सात दिवसीय विशेष शिविर, नगर पंचायत बकेवर के सभागार में पंचम दिवस का आरंभ योग एवं व्यायाम के द्वारा किया गया। जंतु विज्ञान के विभागाध्यक्ष डॉ ललित गुप्ता तथा कार्यक्रम अधिकारी डॉक्टर मनोज यादव के दिशा निर्देशन में योग एवं व्यायाम कराया गया। डॉ गुप्ता ने दैनिक जीवन में योग एवं व्यायाम का महत्व को बताते हुए उनके स्वास्थ्य एवं विकास पर बात रखी। प्रथम तकनीकी सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में क्षेत्रीय ग्राम्य विकास प्रशिक्षण केंद्र, बकेवर के प्रशिक्षक डॉ मनोज कुमार, कार्यक्रम के अध्यक्षता कर रहे डॉ एम पी यादव व कार्यक्रम अधिकारी डॉ मनोज यादव ने शुरुआत की। मुख्य अतिथि डॉ मनोज कुमार ने अपने अनुभवों का साझा करते हुए वर्तमान के सड़क सुरक्षा से जुड़े ज्वलंत मुद्दों पर बंगाल एवं असम का उदाहरण देकर प्रोत्साहित किया। उन्होंने राष्ट्रीय सेवा योजना के प्रमाण पत्र का लाभ बताया तथा कहा कि आप शिक्षा के साथ- साथ समाज के प्रेरक बन सकते हैं । डॉ कुमार ने अपने संस्थान के बारे में बताया कि यहां पर विभिन्न प्रकार का प्रशिक्षण दिया जाता है जिसमें मुख्य रूप से महात्मा गांधी नरेगा, प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण प्रशिक्षण, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना प्रशिक्षण, स्वयं सहायता समूह का प्रशिक्षण तथा प्रधानमंत्री रोजगार योजना आदि प्रशिक्षण कराए जाते हैं। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण में ज्ञान, कौशल एवं मनोवृति में बदलाव हेतु कार्यक्रम करते हैं और कहा कि किसी व्यक्ति में बदलाव लाना है तो पहले उसकी मनोवृत्ति को जानना होगा। कार्यक्रम में एनसीसी प्रभारी लेफ्टिनेंट ब्रह्मानंद ने सड़क सुरक्षा, स्वच्छ भारत एवं स्वच्छता अभियान तथा नारी सुरक्षा, नारी सम्मान एवं नारी स्वालंबन आदि महत्वपूर्ण कार्यक्रमों के बारे में विस्तार से स्वयंसेवकों का मार्गदर्शन किया। शिविर में डॉ एम पी यादव ने 'हम सुधरेंगे तो जग सुधरेगा' शीर्षक पर स्वयं सेवकों को बताया कि कोई विचार जो समाज की कुरीतियों के प्रति जागरूक करने के लिए हो तो पहले खुद को सुधारना होगा, तभी दूसरे व्यक्तियों पर प्रभाव पड़ेगा ।उन्होंने अपने प्रेरणादायक उद्बोधन से स्वयंसेवकों को प्रसार कौशल के बारे में विस्तृत जानकारी दी। कार्यक्रम अधिकारी डॉ मनोज यादव ने राष्ट्रीय सेवा योजना के मुख्य उद्देश्य को संदर्भित करते हुए महात्मा गांधी एवं स्वामी विवेकानंद के विचारों से शिक्षा के साथ सेवा भाव उत्पन्न हो ऐसा स्वयंसेवकों में विकास किया जाए। डॉ नवीन अवस्थी ने बताया कि अनुशासन एवं समर्पण जीवन में सफल होने के लिए अति आवश्यक है । छात्र एवं छात्राओं को सफल होने के लिए अपने अवचेतन मन की शक्ति को जागृत करना चाहिए। इसके लिए आपको जो प्राप्त करना है वह बार-बार अपने मन में दोहराना चाहिए और यह यकीन दिलाना है कि है कि हम पूर्ण निष्ठा के साथ यही प्राप्त करना चाहते हैं। शिविर के द्वितीय सत्र में मिशन शक्ति कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में रसायन विज्ञान की विभागाध्यक्ष डॉ ज्योति भदौरिया ने नारी सशक्तिकरण के लिए स्वयंसेवकों को संबोधित किया । उन्होंने कविता की पंक्तियों के माध्यम से कहा की 'कोई समझा नहीं नारी का अवतार है, लक्ष्मी का रूप, वह काली का अवतार है' और कहा कि नारी जब धन संचय करती है तो लक्ष्मी का रूप होती है और जब अपने बच्चों को शिक्षित करती है तो सरस्वती का रूप होता है। उन्होंने नारी सुरक्षा, नारी सम्मान व नारी स्वालंबन पर विचारों को साझा करते हुए बताया कि वूमेन पावर लाइन की सहायता नंबर 1090, पुलिस आपातकालीन सेवा के लिए 112, मुख्यमंत्री हेल्पलाइन के लिए 1076, महिला हेल्पलाइन के लिए 181, चाइल्ड लाइन के लिए 1098 आदि है। तत्पश्चात स्वयंसेवकों के द्वारा महिला सुरक्षा व मिशन शक्ति के लिए जन जागरूकता रैली का आयोजन किया गया तथा बकेवर चौराहे पर नुक्कड़ के माध्यम से नारी अधिकार व सम्मान के लिए स्वयंसेवकों के द्वारा जन जागरूकता की गई। शिविर के तृतीय तकनीकी सत्र में नगला बनी के ग्रामीण लालाराम दोहरे ने नेतृत्व की भावना को विकसित करने के लिए विभिन्न प्रकार के प्रेरणादायक उदाहरणों का साझा किया तथा बताया कि नेतृत्व विकसित होने के लिए छात्रों को विषय का अध्ययन करके ज्ञान अर्जन करना चाहिए तथा बिना किसी झिझक के बोलने का अभ्यास करना चाहिए , यदि समाज में अपने वर्चस्व को स्थापित करना है तो नेतृत्व आपको करना पड़ेगा। जिसके लिए संघर्ष एवं त्याग करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि फूलों की खुशबू हवाओ के साथ बहती है लेकिन व्यक्ति के व्यक्तित्व चारों दिशाओं में बहती हैं। डा गोपीनाथ मौर्य ने बताया कि नेतृत्व एक कला है जिसे सीखना पड़ता है कुछ लोगों में यह जन्मजात होती है लेकिन अधिकांश लोगों के द्वारा नेतृत्व की कला को अध्ययन के द्वारा निरंतर अभ्यास के द्वारा सीखा जाता है और इसे निरंतर प्रयोग करके इसमें दक्षता प्राप्त की जाती है। नेतृत्व करने के लिए लोगों को एक साथ ले आना और उनमें समूह भावना का विकास कर के उनका उत्थान करना होता है। तत्पश्चात डॉ पीके राजपूत के दिशा निर्देशन में नगला बनी गांव के सर्वेक्षण को प्रत्येक समूह के आवंटित शीर्षक पर बनी आख्या का प्रस्तुतीकरण किया गया। इस शिविर में डॉ आदित्य कुमार, डॉ सत्यार्थ प्रकाश मौर्य, राजकुमार वर्मा, शैलेंद्र कुमार, मुकेश कुमार, शिव कुमार, मनोज दीक्षित तथा स्वयंसेवक शिवम गौतम, विकास, विकास राज, माधवेंद्र, विकास यादव, अभिनव तिवारी,मोनी वर्मा, खुशबू आदि सहित 43 स्वयंसेवक उपस्थित रहे।