7 नवम्बर 2025 को राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् का सामूहिक गायन
बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय जी का वंदेमातरम् गीत के 150 वर्ष पूर्ण होने पर डॉ वीरेंद्र स्वरूप इंस्टीट्यूट आफ प्रोफेशनल स्टडीज किदवई नगर में किया गया सामूहिक गान
कानपुर, 7 नवम्बर 2025 को जब
भारत की स्वतंत्रता चेतना का प्रतीक वंदे मातरम् गीत आज अपने 150 वर्ष पूर्ण कर रहा है। इस अवसर पर डॉ वीरेंद्र स्वरूप इंस्टिट्यूट ऑफ़ प्रोफेशनल स्टडीज किदवई नगर कानपुर में राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् का सामूहिक गायन आयोजित किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) की इकाई एवं महाविद्यालय परिवार द्वारा सामूहिक रूप से “वंदे मातरम्” का गायन किया, जिससे पूरा प्रांगण देशभक्ति के भाव से गूंज उठा।
महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. पूनम मदान ने कहा कि वंदे मातरम् केवल एक गीत नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति, राष्ट्रप्रेम और स्वतंत्रता संग्राम की आत्मा है। यह गीत पहली बार 1875 में रचित हुआ था और 1882 में ‘आनंदमठ’ उपन्यास के माध्यम से प्रकाशित हुआ। यह गीत स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान लाखों भारतीयों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना रहा।
डॉ. संगीता सिरोही, एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि भारत सरकार और उत्तर प्रदेश शासन के निर्देशानुसार यह आयोजन “वंदे मातरम् गीत के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में” आयोजित किया गया है।
कार्यक्रम का संचालन डॉ सीमा मिश्रा ने किया और अंत में सभी ने एक स्वर में भारत माता के जयकारे लगाए।
यह आयोजन शासन के निर्देशानुसार “प्रथम चरण” के अंतर्गत मनाया गया,
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