केकेपीजी कॉलेज इटावा विशेष शिविर का पहला दिन-15/03/2024
*के के कालेज एन.एस.एस.का सात दिवसीय विशेष शिविर हुआ प्रारंभ* के. के. कॉलेज, इटावा के राष्ट्रीय सेवा योजना (N.S.S.) इकाई के सात दिवसीय विशेष शिविर (15-21मार्च 2024) का शुभारम्भ मुख्य अतिथि सेवानिवृत क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी प्रो रिपुदमन सिंह, एवं कार्यक्रम अध्यक्ष प्राचार्य प्रो. महेन्द्र सिंह ,ग्राम प्रधान सरवर सिंह,पूर्व प्रधानाचार्य मलखान सिंह प्रो. उदयवीर सिंह द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन के साथ हुआ , जिसमें एन.एस.एस. स्वयं सेविकाओं द्वारा सरस्वती गीत प्रस्तुत किया गया । तत्पश्चात एन.एस.एस. स्वयंसेवकों द्वारा एन.एस.एस. लक्ष्य गीत प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम अधिकारी मुरली कुमार ने विशेष शिविर की रूपरेखा प्रस्तुत की। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सेवानिवृत क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी प्रो रिपुदमन सिंह ने स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा की सप्त दिवसीय शिविर के माध्यम से बच्चों में सेवा भावना विकसित होगी। वह समाज से जुड़ेंगे और उनकी कठिनाइयों से परिचित होंगे तथा उन्हें दूर करने में अपना सहयोग देंगे । उन्होंने अपने जीवन के कुछ अनुभवों को स्वयंसेवकों के साथ साझा करते हुए बताया कि एन.एस.एस.को देश में उस समय लाया गया जब यह समझा गया कि युवाओं को गाइड करने की महती आवश्यकता है।देश में युवाओं को पढ़ाई के साथ साथ अपने व्यक्तित्व में कैसे विकास कर सके।चाहे जितना बड़ा अधिकारी हो, एमबीबीएस हो यदि वह अपने व्यवहार में अनावश्यक तनाव आदि लेता है या अनावश्यक क्रोधित होता है ।तो इसका मतलब ये होता है कि उसके छात्र जीवन में व्यक्तित्व ले विकास में कोई कमी रह गई होगी। छात्र जीवन में व्यक्तित्व विकास के लिए एनएसएस से उचित मंच और कोई नही है।इसी क्रम में महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफ़ेसर महेंद्र सिंह जी ने अध्यक्षीय उद्बोधन में एन.एस.एस. की स्थापना , उद्देश्य एवं समाज में इनकी प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा समाज व राष्ट्र निर्माण में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। राष्ट्रीय सेवा योजना युवाओं को राष्ट्र सेवा का बेहतरीन मंच उपलब्ध करती है। इस सात दिवसीय विशेष शिविर से विधार्थी बहुत कुछ सीख कर जावेंगे।आप लोगो को स्वयंसेवक का नाम दिया गया है, समाज में बहुत सी बुराइयां होती है,जिनको दूर करने के लिए सरकार प्रयासरत रहती है।लेकिन जब तक लोगो की सहभागिकता इन सुधार कार्यक्रम में नही होती तो सरकारों के प्रयास भी बेमानी होते है।आपका दायित्व है आप पहले इन बुराइयों से अपने को दूर करे।इसके बाद आस पड़ोस को जागरूक करते हुए समस्याओं से जीवन में सुधार लाए। पढ़ाई लिखाई के साथ साथ सामाजिक दायित्व का निर्वहन करने के लिए एनएसएस उचित मंच है। इसी क्रम में पर्यावरण हेतु वृक्षारोपण का कार्यक्रम भी अतिथियों द्वारा किया गया। कार्यक्रम का सफलतापूर्वक संचालन अनुशासन अधिकारी प्रोफेसर शिवराज सिंह ने किया। इससे पूर्व अतिथियों का शिक्षक एवम कर्मचारियों ने माल्यार्पण कर,प्रतीक चिन्ह देकर एवम अंग वस्त्र भेंट कर अभिनंदन किया कार्यक्रम में प्रो उदयवीर सिंह, डा हेम सिंह ओझा, डा सुशील, डा सुजीत, डा नीता पांडे, डा नमिता पांडे, बड़ेबाबू मधुसूदन,पवन,अवनीद्रमोहन,आशीष पटेल आदि शिक्षक कर्मचारी एवम विधार्थी प्रमुख रूप से मौजूद रहे।स्वयंसेवकों के द्वारा दोपहर भोजन के उपरांत बौद्धिक सत्र में एन. एस.एस.से संबंधित सभी बारीकियां का चर्चा किया गया जिसमें एन. एन.एस.लक्ष्य गीत के गंभीर बिंदु ,उसके बैच सामुदायिक सेवा में भाग लेने की प्रेरणा तथा व्यक्तित्व एवं चरित्र निर्माण में एन. एन. एस. की भूमिका आदि की विस्तृत चर्चा की गई| विद्यार्थियों ने भी इस संदर्भ में अपना विचार रखा | शाम के सत्र में विद्यार्थियों द्वारा अंताक्षरी का प्रोग्राम किया गया इसके बाद रात्रि भोजन के उपरांत कुछ बच्चों ने कविताएं सुनाएं | प्रथम दिन का इस तरह से कार्य दिवस का समापन हुआ|