सात दिवसीय विशेष शिविर, पंचम दिन- 28 फरवरी 2025
दिनांक 28 फरवरी को छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय परिसर की राष्ट्रीय सेवा योजना की पंचम इकाई द्वारा सात दिवसीय विशेष शिविर के पंचम दिन ग्राम- सचिवालय, ग्राम -होरा कछार में विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया। दिन का प्रारंभ स्वयंसेवकों द्वारा प्रार्थना से हुआ। योगाभ्यास के पश्चात् स्वयंसेवकों हेतु विभिन्न तकनीकी सत्र आयोजित हुए। प्रथम तकनीकी सत्र में जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज, कानपुर के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. किरन पांडेय ने 'महिलाओं में एनीमिया-कारण एवं निवारण' विषय पर स्वयंसेवकों तथा गांव की महिलाओं को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि महिलाओं में एनीमिया (रक्ताल्पता) के कई कारण होते हैं, जिनमें प्रमुख हैं - उचित खान पान का न होना, पेट में कीड़ों का होना, मासिक धर्म में अधिक रक्तस्राव होना, किसी बीमारी की वजह से रक्तस्राव होना, रक्त संबंधी बीमारी का होना आदि । उन्होंने बताया कि बीमारी संबंधी कारणों का उपचार कर एनीमिया को दूर किया जा सकता है। जबकि उचित खान पान न होने की वजह से होने वाले एनीमिया को दूर करने के लिए आहार में हरी पत्तेदार सब्जियों, पालक, गोभी, गुड़, चना(छिलका सहित) फलों में सेब, केला, अनार का सेवन आयाश्यक है। आहार में फाइबर्स होना आवश्यक है। छात्रा वंदना भास्कर ने उनसे पीसीओडी बीमारी के विषय में पूंछा। प्रो. पांडेय ने सभी को पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिजीज (पीसीओडी) के संबंध में बताया। प्रो.किरन पांडेय ने गांव की महिलाओं तथा छात्राओं का स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें निःशुल्क परामर्श भी दिया। द्वितीय सत्र में किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ के मानसिक रोग विभाग के पूर्व प्रो. डा. मधुकर एवं रामा मेडिकल कालेज, कानपुर के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की असिस्टेंट प्रोफ़ेसर डा. नीरजा ने भी ग्रामवासियों का स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें निःशुल्क परामर्श दिया। डा. मधुकर ने स्वयसेवकों से प्रश्न भी पूंछे एवं सही उत्तर देने वाले स्वयंसेवकों को नकद पुरस्कार भी प्रदान किया। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि विद्यार्थी जंक फूड का सेवन न करें। यदि फास्ट फूड लेना ही है तो भारतीय फास्ट फूड सत्तू का सेवन करें। सत्तू की पौष्टिक वैल्यू बहुत अधिक होती है। उन्होंने कहा कि दही भी स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा होता है। इसका भी सेवन अच्छे स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। तृतीय तकनीकी सत्र में विश्वविद्यालय की योग प्रशिक्षक श्रीमती सोनाली धनवानी ने 'करें योग रहें निरोग' विषय पर विद्यार्थियों को जानकारी दी। साथ ही उन्हें भ्रामरी प्राणायाम, ताड़ासन, वृक्षासन, पद्मासन, वज्रासन आदि का अभ्यास कराया। उन्होंने बताया कि वज्रासन खाना खाने के बाद किया जा सकता है। यह पाचन तंत्र को मजबूत करता है। उन्होंने बताया कि ताली बजाने से खून का सर्कुलेशन बढ़ता है। चतुर्थ तकनीकी सत्र में विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ टीचर एजूकेशन की निदेशक डॉ रश्मि गोरे ने विद्यार्थियों को 'बेटी पढ़ाओ- बेटी बचाओ' की महत्ता बताई। उन्होंने कहा कि बेटियों को पढ़ाकर कर उन्हें सशक्त बनाया जा सकता है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि वे सभी को अपनी बेटियों को पढ़ाने के लिए जागरूक करें। यूनिट 5 के कार्यक्रम अधिकारी डा. प्रवीन कटियार ने विशेषज्ञ वक्ताओं को स्मृत चिन्ह भेंट किए। भोजन के पश्चात् सभी विद्यार्थियों ने गांव में घर -घर जाकर उनको दिनांक 1 मार्च को ग्राम सचिवालय में आयोजित होने वाले निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण एवं परामर्श शिविर के आयोजन की सूचना दी तथा उन्हें अपना स्वास्थ्य परीक्षण कराने हेतु आमंत्रित किया। इस शिविर में सीबीसी, रैंडम ब्लड शुगर, ब्लड ग्रुप, ब्लड प्रेशर, आंखों की जांच निःशुल्क की जाएगी तथा निःशुल्क परामर्श दिया जाएगा। रोज की तरह आज भी विद्यार्थियों ने अपना नाश्ता एवं भोजन स्वयं बनाया तथा बर्तनों एवं परिसर की साफ सफाई स्वयं की। सांय को सभी ने अपने अनुभव साझा किए एवं छात्राओं एवं छात्रों ने रस्साकस्सी का खेल भी खेला।