यातायात सुरक्षा कार्यक्रम
कॉलेज का नाम -छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविधालय कानपुर कार्यक्रम अधिकारी का नाम- डॉक्टर स्नेह पांडे थाने का नाम -कल्याणपुर प्रभारी का नाम -श्री धनंजय कुमार पांडे प्रशिक्षण देने वाले अधिकारियों का नाम -श्री शंकर सारण मिश्रा सब इंस्पेक्टर,श्री रोहित कुमार हेड कांस्टेबल विषय-यातायात नियम स्वयंसेवकों का नाम-रवि शंकर शर्मा ,आदित्य ,कनिष्का तिवारी,सौर्य मिश्रा,सृष्टी,रिचा,तान्या,रिया शर्मा यातायात प्रबन्धन यातायात प्रबन्धन का समान्य उद्देश्य यह है कि सड़कों पर सामान्य रूप से ट्रैफिक का परिचालन सुगमता से हो, सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सके तथा सड़क प्रबन्ध की व्यवस्था करना भी इसमें सम्मिलित है। इस दृष्टि से वर्तमान समय में यातायात- प्रबन्धन पुलिस के लिये एक महत्वपूर्ण चुनौती भी है। अतः इस सन्दर्भ में अपने दायित्वों के निर्वहन के लिये आवश्यक प्राथमिक जानकारियों का ज्ञान होना आवश्यक है। इसी को दृष्टिगत रखते हुए प्रस्तुत अध्याय में 1 यातायात नियन्त्रण ड्रिल 2- जाहन प्रबन्ध 3- सड़क पंक्ति के विषय में जानकारी उपलब्ध करायी गयी है। यातायात नियन्त्रण ड्रिल:- बिजली के संकेत- सर्वप्रथम लंदन में 1868 में बिजली के संकेत की व्यवस्था की गयी। जहां पार्लियामेन्ट के बाहर सड़क पर यातायात को कायम रखने के लिए कान्स० के हाथ में एक यंत्र बांधा गया जिसमें लाल व हरी रोशनी थी। परन्तु इसमें एक बार अचानक बिस्फोट हुआ जिसके कारण पुलिस कर्मी को चोट लग गयी। इसके बाद इसका प्रयोग होना बन्द हो गया। बाद में न्यूयार्क में सन् 1918 ई० में तीन रंगों का प्रयोग यातायात व्यवस्था कायम रखने के लिए किया गया, जो निम्न प्रकार से है। 1. लाल : - इसका अर्थ रूको व स्टाप लाइन के पीछे प्रतीक्षा करें। 2. पीला :- रूके रहो, और देखों तथा प्रस्थान के लिए तैयार रहो। 3. हरा :- अपने मार्ग पर जाओ। प्रकार :- बिजली से चलने वाली व्यवस्था चार प्रकार की है- जवानों या व्यक्तियों द्वारा चलाये जाने वाले:- यह सड़क के चारों तहफ लगाये जाते है। इसका मेन स्वीच पुलिस के पास रहता है। यह उस जगह की कंडीशन को देख कर प्रस्थान करने वाला स्वीच आन करता रहता है। 2. निश्चित समय के अन्दर वाले स्वीच :- इनको ऐसे सड़क के चारों तरफ लगाया जाता है जहाँ भीड़ की सम्भावना अधिक रहती है। इसके जलने व बुझने का समय फिक्स कर दिया जाता है। जिसे यह स्वतः अपने समय पर जलते बुझते है उसी क्रम में यातायात स्वंय चलता रहता है। वर्तमान में यही व्यवस्था चौराहों पर देखने को मिलती है। 3. ट्रैफिक लेन में जाने के लिए संकेत :- सड़क पर पेन्ट द्वारा पट्टियों बना दी जाती है और इस पर चलने के लिए बिजली के संकेत द्वारा इंगित करने वाले 4. पैदल यात्रियों के लिए :- सड़क के किनारे यह यन्त्र लागाये जाते है, जोपेटकोकरोड काम करना है कड़ाही करन है दरता है। यातायात संकेत 1. रोड सिगनात (क) हाथ द्वारा दिये जाने वाले संकेत (ख) दुर्दवर के संकेत (ग) बिजली के संकेत 2. रोड साइन। यह वह निशान होते हैं, जो मार्ग तथा मार्ग के किना पर एक नियमित ऊँचाई पर प्लेट में बने रहते है। यह मार्गदर्शक कार्य करते हैं। 3. रोड बिन्ह: यह तीन प्रकार के होते हैं। (क) आदेशात्मक इसके उल्लंघन पर जुर्माना किया जाता है। (ख) चेताबनी यह अगले स्थान के लिए चेतावनी देते हैं। (ग) सुचनात्मक इसमें पूर्व को सूचना दी जाती है। नोट रोड माकिंग में कुछ चिन्ह और आते हैं, जैसे ट्रैफिक लेन, जेब्रा क्रासिंग, टिकाटा आदि। चालक के संकेत :- 1. सामने जाने के संकेत। 2 पीछे वाले वाहन को पास देने का संकेत । 3 रोकने का संकेत। 4. दाहिने जाने का संकेत । S बायें जाने का संकेत । 6. पोछे जाने का संकेत। 7 स्लो करने का संकेत । नोट:- जब भी चालक को संकेत सिखाये जाये, तो बह सावधान को दशा में सिखाये जायें। संकेत सिखाने से पूर्व स्क्वाड को दुल फासले पर सजाया जाय तथा जब यातायात कान्स्टेबल द्वारा दिये जाने वाला संकेत सिखाया जाय तो दोनों हाथ आजाद विश्श्राम से सिखाना चाहिए। तापात कान्नाटेबल द्वारा दिये जाने वाले संकेत बाड़ का सजाना। जिस प्रकार से दाहिने सांता है। वही काही होगा। परन्तु कुछ भिन्नता को छोड़कर सभी जवान 15 इंच का कदम सामने बायें पैर से लेंगे तथा हिना पैर दौड़ चाल में उठाकर बायें पैर से मिला लेंगे।" अप" के संकेत पर सामने को इन दोनों हाथ उती है, प्रदर्शक बर्या हाथ उठाता है। साथ ही साथ गाइदों को छोड़कर अभी जवान दाहिने तरफ गर्दन पीड़ कर देखते है। " अप" के संकेत पर पैरों की हरकत को तेज करते हुए दुगने फासले पर सजाते है सिधाई हासिल करते है। जब सिचाई मिल हो चुकी हो, वाड" सामने देख"। इस पर सभी जवान सामने देखें तथा हाथों को पहलू से मिला देंगे। स्क्वाड विश्राम: स्क्वाड यातायात संकेत के लिए 'हाथ आजाद कर के आदेश पर अभी सैनिक हाथों को विश्राम की दशा में हाथ 4.5 डिग्री पर लाते हुए 'हाथ से तेज आवाज निकालते हुए पहलू से मिला लें। यहां आपका स्क्वाड संकेत सीखने के लिए तैयार है। नोट: किसी भी दिशा से आने वाली गाड़ी यदि अपने 1- 22 बायें जाने के लिए"1" गाड़ी रुकेगी। सामने जाने के लिए"2" गाड़ी रुकेगी। पीछे जाने के लिए" 3" गाड़ी रूकेगी। दाहिने जाने के लिए "3" गाड़ी रूकेगी। कार्यवाही: बाये में आने वाली गाड़ी के लिए संकेत :- नोट: इसमें एक स्थान पर खड़े रह कर संकेत दिया जाता है। (क) बायें से आने वाली गाड़ी अपने बायें जाना चहती है, संकेत' अप'। इसमें बायें हाथ से एक गाड़ी रोकें तथा पास दें व पुनः एक गाड़ी रोकें। (ख) बायें से आने वाली गाड़ी अपने सामने जाना चाहती है, संकेत' अप'। इसमें दो गाड़ी रोकें तथा पास दें व पुन: दो गाड़ी रोकें। (ग) बायें से आने वाली गाड़ी अपने दाहिने जाना चाहती है, संकेत' अप' । इसमें तीन गाड़ी रोकें तथा पास दें, पुनः तीन गाड़ी रोकें। (प) बायें से आने वाली गाड़ी अपने पीछे जाना चाहती है संकेत' अप'। इसमें तीन गाड़ी रोहें जायें हाथ से एक दाहिने हाथ से दो तथापीछे से आने वाली गाड़ी के लिए संकेत डाउन करें वापस सामने पर भी। रोको तथा पाय दो, पुनः एक गाड़ी रोकें हाथ डाउन करें। वापस अपने स्थान पर आओ। (ख) पीछे से आने वाली गाड़ी अपने सामने आना चाहती है। गाड़ी रोको, तथा पास दो। पुनः दो गाडी रोबों। हाथ डाउन करें। आप अपने आओ। पीछे से आने वाली गाड़ी अपने सामने जाना चाहती है, संत अप गाड़ी रोको, दाये हाथ से दी, बायें हाथ से एक तथा पास दी। पुन: तीन गाड़ी डाउन करें। चापय अपने स्थान पर आओ। (घ) पीछे से आने वाली गाड़ी अपने पीछे जाना चाहती संकेत अटक गाड़ी रोको, तथा पास दो। पुन: तीन गाड़ी रोकी। हाथ डाउन करो। वापस अपने स्या आओ। 3. सामने से आने वाली गाड़ी के लिये सकेत:- नोट: इसमें पहले दाहिने हाथ से गाड़ी पास करते है। इसमें दाहिने पैर की एड़ी मसलते हुए दाहिने टर्न कर जाते है, बायां पैर विधাম তা दशा में। (क) सामने से आने वाली गाड़ी अपनें बायें जाना चाहती है, संकेत" अप"। जानका टर्न हो दाहिने, एक गाड़ी रोको, हाथ डाउन करो, पुनः अपने स्थान पर आओ। (ख) सामने से आने वाली गाड़ी अपनें सामने आना चाहती है, संकेत" अप" पान टर्न हो दाहिने, दो गाड़ी रोको, हाथ डाउन करा, पुन: अपने स्थान पर आओ। (ग) सामने से आने वाली गाड़ी अपनें दाहिने जाना चाहती है, संकेत" अप"। पको टर्न हो दाहिने, तीन गाड़ी रोको, दाये हाथ से दो, बायें हाथ से एक। हाथ डाउन करी, पू अपने स्थान पर आओ। (घ) सामने से आने बाली गाड़ी अपने पीछे जाना चाहती है, संकेत " अप"। पास को टर्न हो दाहिने, तीन गाड़ी रोको, हाथ डाउन करो। पुन: अपने स्थान पर आओ। 4-दाहिने से आने वाली गाड़ी के लिये संकेतः- नोट:- इसमें अपने स्थान से ही संकेत देते है तथा पहले सामने की गाड़ी को रोकते है, कि पास करने का संकेत देते है तथा एक गाड़ी दाहिने से रोकते है अगर सोन तरफ से ग रोकना हो, तो बाये हाथ से दोनो तरफ ले जाओ व पास करो व पुनः पूर्व स्थान पर ही दाहिने हाथ से एक गाड़ी रोको। (क) दाहिने से आने वाली गाड़ी अपने बायें जाना चाहती है:- संकेत " अप"। दाहिने हाथ से सामने की एक गाड़ी रोको फिर दाहिना हाथ दाहिनी तरफ ले जाओं व पास को 97 पुनः पूर्व स्थान पर ही दाहिने हाथ में एक गाड़ी रोकी। (छ) दाहिने में आने वाली गाड़ी अपने सामने जाना चाहती है. संकेत" अप"। বাধিস हाथ से सामने की, बायें हाथ से पीछे की गाड़ी रोको फिर दाहिने हाथ की दाहिनी तरफ ले जाओ पास करोच पुनः पूर्व स्थान पर ही दाहिने हाथ से दो गाड़ी रोको। (ग) सामने से आने वाली गाड़ी अपने दाहिने जाना चाहती है:- संकेत" अप"। हाथ से दो गाड़ी बाचे व पीछे को दाहिने हाथ से सामने की एक गाड़ी रोकी। दाहिना हाय दाहिनी तरफ ले जाओं व पास करो फिर दाहिना हाथ पूर्व जगह पर ले जाओ। (प) सामने से आने वाली गाड़ी अपने पीछे जाना चाहती है:- संकेत" अप" बायें हाथ से दो गाड़ी व पीछे की दाहिने हाथ से सामने की एक गाड़ी रोको। दाहिना हाथ दाहिनी हरफ ले जाओ व पास करो फिर दाहिना हाथ पूर्व की जगह पर ले जाओ। नोट: जिधर से गाड़ी पास करने का इशारा दिया जाए निगाह भी उसी तरफ होनी नाहिये। दो बार पास करें, तीसरी बार हाथ रोकें, तब टर्न करना चाहिये।