मान्यवर कांशीराम राजकीय महाविद्यालय निनौआ, फर्रुखाबाद सात दिवसीय विशेष शिविर)
आज दिनांक 17 मार्च 2024 को मान्यवर कांशीराम राजकीय महाविद्यालय फर्रुखाबाद में प्राचार्य डॉ० शालिनी जी के संरक्षण में एवं राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी डा० सुंदर लाल के निर्देशन में राष्ट्रीय सेवा योजना के सात दिवसीय विशेष शिविर के पंचम दिन का शुभारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। स्वयंसेवकों ने एन.एस.एस लक्ष्य गीत से अभिप्रेरित होते हुए प्रभात फेरी निकाली तथा कानूनी साक्षरता, आपदा प्रबंधन एवं वृक्षारोपण विषय पर जागरूकता अभियान चलाया। पंचम दिन का शिविर, प्राचार्य डॉ० शालिनी की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। उन्होंने स्वयंसेवकों एवं ग्रामवासियों से कानूनी साक्षरता, आपदा प्रबंधन एवं वृक्षारोपण आदि के प्रति जागरूक होने की अपील की। उन्होंने स्वयंसेवकों को बताया कि विधिक जागरूकता अथवा कानूनी साक्षरता से आशय जनता को कानून से संबंधित सामान्य बातों से परिचित कराकर उनका सशक्तीकरण करना है तथा कानूनी जागरूकता से विधिक संस्कृति को बढ़ावा मिलता है, कानूनों के निर्माण में लोगों की भागीदारी बढ़ती है और कानून के शासन की स्थापना की दिशा में प्रगति होती है। राष्ट्रीय सेवा योजना के जिला नोडल अधिकारी डॉ० आलोक बिहारी शुक्ला ने आपदा प्रबंधन एवं वृक्षारोपण विषय पर एक विशेष व्याख्यान दिया। उन्होंने आपदा प्रबंधन का अर्थ है स्पष्ट करते हुए बताया कि ऐसे सभी उपाय जिससे खतरा आपदा का रूप न ले सके। चूंकि, हम कई प्राकृतिक खतरों को आने से नहीं रोक सकते हैं, लेकिन जीवन और संपत्ति के नुकसान को कम करने के लिए उचित प्रबंधन द्वारा उनके हानिकारक प्रभावों को कम कर सकते हैं। इसलिए हम सबको इसकी सटीक और पर्याप्त जानकारी होनी चाहिए।आपदाएं प्राकृतिक या मानवीय खतरों के परिणाम हैं। डॉ० सुन्दर लाल ने वृक्षारोपण का महत्व स्पष्ट करते हुए कहा कि प्रकृति में संतुलन बनाए रखने के लिए तथा अपने आस-पास के वातावरण को स्वच्छ बनाए रखने के लिए पेड़-पौधे लगाना बहुत ज़रूरी है। पेड़-पौधों के माध्यम से प्रकृति सभी प्राणियों पर अनंत उपकार करती है। पेड़-पौधे हमें छाया प्रदान करते हैं। फल-फूलों की प्राप्ति भी हमें पेड़-पौधों से ही होती है। इसलिए हम सब को मिलकर वृक्षारोपण करना चाहिए। चूंकि बहुत सी आपदाएं प्राकृतिक होती हैं इसलिए प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने से भी आपदा का प्रबंधन किया जा सकता है। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राध्यापक एवं छात्र/छात्राएं उपस्थित रहे।
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