गांधी जयंती / अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस
आज दिनांक 02.10.2025 को राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई डी बी एस कॉलेज, कानपुर द्वारा गांधी जयंती / अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के अवसर पर प्राचार्य डॉ. अनिल कुमार मिश्रा जी के मार्गदर्शन एवं कार्यक्रम अधिकारी डॉ. गौरव सिंह के नेतृत्व में महाविद्यालय परिसर में कार्यक्रम आयोजित किया गया I कार्यक्रम का प्रारंभ गणित विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर सतवंत यादव के द्वारा महात्मा गांधी जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करके किया गया I इसके पश्चात सभी उपस्थित शिक्षकों, कर्मचारियों तथा स्वयंसेवकों ने प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए I पुष्प अर्पित करने के पश्चात सभी ने गांधी जी के प्रिय भजन *" रघुपति राघव राजा राम"* का भावपूर्ण ढंग से वाचन किया I गांधी जयंती पर अपने विचार व्यक्त करते हुए सतवंत यादव जी ने कहा कि गांधी जयंती हर वर्ष 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की जयंती के रूप में मनाई जाती है। यह दिन हमें राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जीवन, उनके विचारों और उनके द्वारा दिए गए संदेशों को याद करने का अवसर प्रदान करता है। महात्मा गांधी ने सत्य, अहिंसा और सरलता के मार्ग को अपनाकर भारत को स्वतंत्रता की ओर अग्रसर किया। उनके नेतृत्व में भारतवासियों ने असहयोग आंदोलन, नमक सत्याग्रह और भारत छोड़ो आंदोलन जैसे कई आंदोलनों में भाग लेकर अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष किया। इसके पश्चात कार्यक्रम अधिकारी डॉ. गौरव सिंह ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि गांधी जी का मानना था कि अहिंसा ही सबसे बड़ी शक्ति है। उन्होंने हिंसा का विरोध किया और सत्य तथा न्याय की राह पर चलने की प्रेरणा दी। उनका संदेश केवल भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के लिए महत्वपूर्ण है। संयुक्त राष्ट्र ने भी 2 अक्टूबर को "अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस" घोषित किया है। इस दिन विद्यालयों, कार्यालयों और विभिन्न संस्थानों में प्रार्थना सभाएँ, भाषण और गांधी जी के विचारों पर आधारित कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। हमें गांधी जी के सिद्धांतों को अपने जीवन में अपनाकर समाज और राष्ट्र के विकास में योगदान देना चाहिए। वास्तव में गांधी जयंती हमें सादगी, ईमानदारी और सत्यनिष्ठा की ओर प्रेरित करती है। इस कार्यक्रम के समापन के पश्चात स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम के तहत स्वयंसेवकों तथा शिक्षकों ने महाविद्यालय परिसर में स्थित प्ले ग्राउंड में उगी अनावश्यक घास तथा खरपतवार की साफ सफाई की , उसमें पड़े हुए कूड़े को एक जगह एकत्रित किया और उसे उठा कर कूड़े दान में डाला I