कार्यक्रम (13)
विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस
आज दिनांक 14.08.2024 को एन0एस0एस0 इकाई डी0बी0एस0 कॉलेज, कानपुर द्धारा प्राचार्य डॉ . अनिल कुमार मिश्रा जी के मार्गदर्शन तथा कार्यक्रम अधिकारी डॉ.गौरव सिंह के नेतृत्व में विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाया गया । कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में पधारे अर्थशास्त्र विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ संतोष कुमार यादव जी ने स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत-पाकिस्तान विभाजन 1947 में हुआ था, जो भारतीय उपमहाद्वीप के इतिहास का सबसे बड़ा और दर्दनाक घटना था। यह विभाजन ब्रिटिश साम्राज्य द्वारा भारतीय उपमहाद्वीप की स्वतंत्रता के बाद हुआ। इस विभाजन के तहत भारत और पाकिस्तान दो अलग-अलग देशों के रूप में स्थापित हुए। पाकिस्तान को मुस्लिम बहुल राज्य के रूप में और भारत को हिंदू बहुल राज्य के रूप में स्थापित किया गया। विभाजन की प्रक्रिया बहुत ही जटिल और विवादास्पद थी। इसमें धार्मिक आधार पर दो देशों का निर्माण हुआ, जो कि सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा देने वाला था। इसके परिणामस्वरूप लाखों लोगों को अपना घर-बार छोड़ना पड़ा और लाखों की जानें चली गईं। यह विभाजन धार्मिक असहमति, नस्लीय हिंसा और राजनीतिक गलतफहमियों का परिणाम था। विभाजन के दौरान, लाखों हिंदू, मुस्लिम और सिख अपने-अपने धर्म के आधार पर पाकिस्तान और भारत के बीच सीमा पार करते हुए शरणार्थी बन गए। इस दौरान दोनों देशों के बीच हिंसा, दंगे और कत्लेआम हुआ, जिसमें असंख्य निर्दोष लोग मारे गए। यह विभाजन केवल भूगोल के आधार पर नहीं था, बल्कि एक गहरी सांप्रदायिक और राजनीतिक दरार को भी जन्म दिया। इस विभाजन ने भारतीय उपमहाद्वीप के लोगों की मानसिकता पर गहरी छाप छोड़ी। आज भी विभाजन के घाव समय-समय पर ताजे हो जाते हैं और यह भारत-पाकिस्तान संबंधों में एक दुखद मोड़ का कारण बनते हैं।
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