कानपुर विद्या मंदिर महिला महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के विशेष शिविर का तीसरा दिन: 17/03/2024
आज दिनांक 17/03/2024 को कानपुर विद्या मंदिर महिला महाविद्यालय, स्वरूप नगर की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के द्वारा दिनांक 15/03/2024 से 21/03/2024 तक छोटी गुटैया बस्ती, स्वरूप नगर में आयोजित किए जा रहे राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के सात दिवसीय विशेष शिविर के तीसरे दिन “महिला शिक्षा, स्वास्थ्य तथा स्वावलंबन” विषय को केंद्र में रखकर विभिन्न गतिविधियां आयोजित की गईं।
रात्रि में सूचना प्राप्त हुई कि महाविद्यालय की प्रबंध समिति के अध्यक्ष प्रो. आर.सी. कटियार सर का स्वर्गवास हो गया है। प्रातः में सभी स्वयंसेविकाओं को एकत्रित करके शोक सभा एवं मौन के माध्यम से उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई तथा शिविर की प्रथम सत्र की गतिविधियों को स्थगित कर दिया गया।शिविर की गतिविधियों की शुरुआत दूसरे सत्र में “दैनिक पाठशाला” के साथ की गई। पूर्व निर्धारित रूपरेखा के अनुसार प्रार्थना के अभ्यास के साथ पाठशाला प्रारंभ हुई। स्वयंसेविका आकांक्षा सैनी ने छोटे बच्चों को एक से सौ तक हिंदी व अंग्रेज़ी में गिनती तथा बड़े बच्चों को दो से पाँच तक पहाड़ा सिखाया गया। स्वयंसेविका कोमल जायसवाल, स्नेहा बेनवंशी, कुमकुम विश्वकर्मा आदि ने सभी बच्चों को चित्र बनाना तथा उसमें रंग भरना भी सिखाया गया। सभी बच्चों को काग़ज़ व रंग वितरित किए गए तथा उनसे कहा गया कि वे अपने मन में आने वाले प्रथम चित्र को कागज़ पर उतारें।सभी बच्चों ने सुंदर चित्र बनाए।
तृतीय सत्र में महिला शिक्षा एवं स्वावलंबन विषय पर बस्ती की महिलाओं को जागरूक किया गया तथा स्वरोजगार तथा कौशल विकास के महत्व को समझाते हुए मेहंदी लगाने का प्रशिक्षण वैष्णवी गुप्ता, सौम्या मिश्रा, नेहा शर्मा, अनुष्का शर्मा आदि द्वारा दिया गया। बस्ती की महिलाओं को संबोधित करते हुए कार्यक्रम अधिकारी डॉ. ऑंचल तिवारी ने कहा कि स्त्री शिक्षा एक सशक्त समाज के निर्माण का आधार है।अधिकतर घरों में अभी भी लैंगिक भेदभाव दिखता है। कम उम्र की लड़कियाँ घर के कामकाज में लगी रहती है तथा अक्सर विद्यालय नहीं जातीं। प्राथमिक शिक्षा के बाद कई लड़कियों की पढ़ाई बंद करा दी जाती है।महिलाओं को स्वयं इसके प्रति सचेत होना होगा। महिलाओं को यह भी बताया गया कि ऐसे कई कौशल हैं जिनको औपचारिक प्रशिक्षण के बिना भी स्वयं के प्रयास से विकसित किया जा सकता है। स्वरोजगार और स्वावलंबन की दिशा में ऐसे कौशल अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। सिलाई, कढ़ाई, बुनाई, मेकअप, मेहंदी लगाना, नृत्य- संगीत, वाद्ययंत्र बजाना, अचार, पापड़, बड़ी, मसाले बनाना इत्यादि कुछ ऐसे ही सामान्य कौशल हैं जिन्हें जिनके माध्यम से महिलाएँ जीविकोपार्जन कर सकती हैं। स्वयंसेविकाओं ने महिलाओं के हाथों पर मेहंदी लगाकर उन्हें प्रशिक्षण भी दिया। मध्याह्न भोजन के पश्चात् शिविर के चतुर्थ सत्र का आयोजन किया गया। इस सत्र में स्वास्थ्य सर्वेक्षण किया गया जिसमें मुख्य रूप से महिला स्वास्थ्य को केंद्र में रखा गया। बस्ती के प्रत्येक घर में जाकर स्वयंसेविकाओं ने घर के सदस्यों से स्वास्थ्य समस्याओं के विषय में पूछा तथा उन्हें यह सूचना भी दी कि अगले दिन निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण एवं परामर्श शिविर का आयोजन शिविर स्थल पर किया जाएगा। सभी को इस शिविर में आने के लिए प्रेरित किया गया।
शिविर की दिवसीय गतिविधियों के समापन से पूर्व प्रो. आर. सी. कटियार सर को स्मरण करते हुए “वैष्णव जन तो तेने कहिए” भजन का सामूहिक गान किया गया।
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